The pandemic has brought a drastic shift in the world of education system. Due to the sudden shutdown of physical classrooms, the immediate emergence of online education became the new normal. The present paper attempts to analyze the paradigm shift from traditional education to online education system. It deals with the benefits and drawbacks of online education network. Further the analysis leads to the conclusion that online and offline education system both prove to be useful medium of learning but due to the pandemic and adoption of new technology the current education system requires a blended form of education.
Shifting Paradigm, Offline/Traditional Education System, Blended Education System, Online/e-learning Education System.
1. https://kitaboo.com/is-online-education -better-than -traditional-education.Vishal Dani, 30th January 2019
आज के युग में उद्यमिता, छोटे और मंझले उद्योगों से सम्बन्धित गतिविधियाँ अपनाने वाली महिलाओं की संख्या में बढ़ोत्तरी हो रही हैं। महिलाओं के स्वामित्व वाले उद्योगों की संख्या भारत के लगभग सभी प्रदेशों में बढ़ रही हैं। महिला उद्यमी अन्य महिलाओं को भी कारोबार में आने के लिए प्रोत्साहित करती है, जिससे श्रम शक्ति में स्त्री पुरुष की संख्या की असमानता कम करने में सहायक है। विकासशील तथा विकसित देशों ने इस बात का अनुमान किया हैं कि देेश को आर्थिक रुप से सुदृढ़ बनाने के लिए महिला उद्यमिता को बढ़ावा देना आवश्यक हैं। भारत सरकार द्वारा स्टैंड अप इण्डिया, स्टार्ट-अप इण्डिया और मुद्रा योजना जैसी योजनाओं से उद्यमिता को बढ़ावा देने के कारण भी रोजगार के अवसर बढ़ गये हैं। आज ग्रामीण और शहरी गरीबी की समस्या के समाधान हेतु महिला उद्यमिता को बढ़ावा दिया जा रहा है। महिला उद्यमिता से परिवार एवं समाज को आर्थिक रुप से खुशहाली लाने, गरीबी मिटाने, और महिला सशक्तिकरण में मदद मिलती हैं जिससे सहस्राब्दि विकास लक्ष्यों (एस0डी0जी0एस0) को प्राप्त करने में मदद मिलेगी। सरकार इन महिलाओं के लिए अनेक योजनाएं बना कर इन्हे समाज की मुख्य धारा में जोड़ना चाहती हैं, परन्तु इन महिलाओं की अनेक सामाजिक एवं आर्थिक समस्याएं है। इन समस्याओं से कैसे बचा जाये? सरकार विपरीत परिस्थितियांे में भी इनकी मदद कैसे करेगी? इन सब प्रश्नों के जबाव समय देगा।
उद्यमिता, स्टैंड-अप इण्डिया, सूचना तकनीकी, सशक्तीकरण, आत्मनिर्भर।
1. भारतीय अर्थव्यवस्था - मिश्रा एवं पुरी।
छत्तीसगढ़ में पर्यटन की अपार संभावनाएँ है। शोध एवं अनुसंधान की दृष्टिकोण से वैज्ञानिक पहलुओं का ध्यान रखते हुए मानचित्रों का उपयोग कर पर्यटन के अनेक पहलुओं का अध्ययन आवश्यक है। पर्यटन में भाषाओं से संबंधित तत्वों का अध्ययन, भौगोलिक तत्वों को ध्यान में रखकर किया जाता है। किसी स्थान और उनके निवासियों की संस्कृति, सुरूचि, परम्परा, जलवायु, पर्यावरण और विकास के स्वरूप विस्तृत ज्ञान प्राप्त करने और उसके विकास में सहयोग करने वाले पर्यटन को पर्यटन भूगोल के अंतर्गत अध्ययन करते है। पर्यटन स्थल पर अनेक प्रकार के सामाजिक तथा व्यापारिक समूह मिलकर कार्य करते है, जिसमें पर्यटक और निवासी दोनों महत्वपूर्ण हो जाते है। इसमें दोनों को ही व्यापार और आर्थिक विकास के अवसर मिलते है। स्थानीय वस्तुओं, कलाओं और उत्पादन को नये बाजार मिलते है और मानवता के विकास की दिशाए खुलती है। पर्यटन स्थल के राजनैतिक, सामाजिक और प्राकृतिक कारणों का बहुत महत्वपूर्ण होता है इसके लिए आवश्यक मानचित्र उपकरणों की आवश्यकता होती है। प्राचीन काल से ही पर्यटन की भौगोलिक विकास प्रारंभ हुआ और आर्थिक, धार्मिक, एवं सांस्कृतिक कारणों को जानने का अवसर प्राप्त हुआ। अनेक धर्मों और मान्यताओं का विकास हुआ।
पर्यटन, पर्यावरण, भौगोलिक, मानचित्र उपकरण।
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Media always plays an important role in shaping the social and cultural trends in our society. Mass media and mass communication have been used throughout the ages by different individuals, groups or societies for expressing their views, opinions, or some creative work to their public or audiences. From earlier forms of media to modern forms, the journey has been a long and interesting one. Blogging started as a new avenue where different internet users could share their creative ideas, stories, poems, articles and features on the online platform. Writers and authors soon started using blogging extensively and many common people also started to do the same to connect to readers and audiences who can easily access their contributions on the online platform. But gradually with time, internet and computer kept on evolving much more. Social sites like Blogger, Orkut slowly became famous but soon newer platforms like Facebook, Twitter, and YouTube came to the market. Now from writing content making video content came to the scene. Anyone using the internet could do this. There are different genres on which content is created and video blogging is done on YouTube on sometimes on social media sites like Facebook also. The different forms include art and crafts, cookery, education, technological but the most famous Vlogging has been definitely of the travel video blogging. Many individuals who loved travelling and exploring places have turned their passion into profession. This research paper focuses on the use of New Media and digital technology by travel vloggers and how this phenomenon is turning into career profession for many people. Media has always been an integral part of our society; likewise this new trend of travel vlogging and creating a niche audience with the help of New Media has been indeed a subject of study and critical analysis for media researchers and scholars.
New Media, Blogging, Vlogging , Travel Vlogger, Social Media, Convergence.
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भारत की विशिष्ट सांस्कृतिक छवि में हथकरघा और हस्तशिल्प में दृश्यकला की समृद्ध विरासत का बड़ा योगदान है। शिल्पकारों के हथौड़े से आश्चर्यजनक और विविधरूप ग्रहण करने वाली धातुओं की वस्तु उत्पाद तथा कालीनों और दरियों, बक्सों एवं झोलों, आभूषणों की विविधता भले ही देश के किसी भी कोने में स्थित गाँव में आज दैनिक गतिविधियां रहीं हो लेकिन अब बदलती हुई स्थितियों में ये उतनी आम नहीं रह गई है। अब ये तेजी से आधुनिक जीवन शैली का हिस्सा बन रहीं है तथा दुनियाभर के करोड़ों लोगों के दिलों में भारत के लिए जगह बना रही है। दैनिक जीवन में उपयोगी वस्तु पर हस्तशिल्पकला वह कला है जिसमें बौद्धिकता या उपयोगिता होती है। उपयोगी वस्तु में हस्तशिल्पकला मनुष्य की भौतिक आवश्यकताओं की पूर्ति से जुड़ा है। इसमें बाहरी सौन्दर्य होता है। उपयोगी कला-निर्माण और शिल्प कौशल जैसे व्यवहारिक कला विषयों के कौशल और तरीकों से सम्बन्धित है। जीवन का ऐसा कोई कला नही है, जो शिल्प के अन्तर्गत न आ सकता है। सभी प्रकार की कलाएं शिल्प के अन्तर्गत ही आती है। आधुनिक काल में इन शब्दों का सूक्ष्म रूप से अध्ययन एवं विवेचन किया है और अर्थ में प्रयुक्त किया जाता है। उपयोगी हस्तशिल्पकला को भी विशेष कला माना जाता है।
हस्तशिल्प, दृश्यकला, हथकरघा, लोककला, उपयोगी वस्तु-उत्पाद।
1. भारत में हस्तशिल्प और वस्त्र उद्योग, योजना, अप्रैल 2019,आईएसएसएन 0971-8397
वर्तमान परिदृश्य में प्रकृति में संतुूलन बनाये रखना आवष्यक है। समय के विकास के साथ आधनिकता के इस दौर में प्रकृति के विभिन्न संसाधनों का अंधाधुन प्रयोग हो रहा है। जिससे पर्यावरण प्रदुषण, तो बढ़ ही रहा है साथ ही प्राकृतिक संतुलन भी बिगड़ राहा है। अतः वर्तमान स्थिति में हमें जागरूक होकर नैतिकता के साथ जिम्मेदारी से प्रकृति को संरक्षित करना होगा। उसकी गुणवत्ता को बनायें रखना होगा तभी हम एक स्वच्छ वातावरण में अपना जीवन यापन कर पायेगें।
पर्यावरण, नैतिकता, संसाधन, प्रदुषण, संरक्षण।
कारपोरेट गवरनेस, अंकेक्षण, कंपनी, वित्तीय प्रबंध।
1. Governance structure and finance performance in the small corporation daily catherine Marie 1991 indian univerdity.